अष्ट वसु शिव महापुराण कथा: बड़ी संख्या में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़, महादेव की अराधना ही उन्नति का उत्तम मार्ग: सदगुरूनाथ जी महाराज

  परम श्रद्धेय दिव्यदर्शी कथावाचक सतीश सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा 12 मई से 18 मई तक दोपहर 12 से 04 बजे तक अष्ट वसु शिव महापुराण कथा का आयोजन ओम जगद्गुरू जनार्धन स्वामी मौनगिरी महाराज आश्रम हॉल, श्री निवृत्तिनाथ मंदिर रोड, त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में किया जा रहा है। कथा के पहले दिन से ही लोगों […]

अष्ट वसु शिव महापुराण कथा: बड़ी संख्या में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़,  महादेव की अराधना ही उन्नति का उत्तम मार्ग: सदगुरूनाथ जी महाराज
अष्ट वसु शिव महापुराण कथा: बड़ी संख्या में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़, महादेव की अराधना ही उन्नति का उत्तम मार्ग: सदगुरूनाथ जी महाराज

 

परम श्रद्धेय दिव्यदर्शी कथावाचक सतीश सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा 12 मई से 18 मई तक दोपहर 12 से 04 बजे तक अष्ट वसु शिव महापुराण कथा का आयोजन ओम जगद्गुरू जनार्धन स्वामी मौनगिरी महाराज आश्रम हॉल, श्री निवृत्तिनाथ मंदिर रोड, त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में किया जा रहा है। कथा के पहले दिन से ही लोगों का उत्साह देखते ही बनता है। चारों तरफ ऊँ नमः शिवाय एवं सद्गुरूनाथ जी महाराज के जयकारे से पूरा कथा स्थल शिवमय हो गया है। दूर-दराज के लोगों की भीड़ लगातार कथा स्थल पर पहुंच रही है। पूरा स्थल शिवमय हो गया है। लोगों का उत्साह उस समय चरम पर पहुंच जाता है जब भविष्यवक्ता, परम शिवभक्त सद्गुरूनाथ जी महाराज कथा स्थल में पहुंचते हैं हर कोई व्यक्ति उनकी तरफ श्रद्धा के भाव से देखता रहता है हर व्यक्ति उनसे मिलने को व्याकुल रहता है। सद्गुरूनाथ जी महाराज भी अपना कीमती वक्त निकालकर लोगों की व्यथा जरूर सुनते हैं और हर संभव उनकी मदद करते हैं।

 

ज्ञात हो कि सद्गुरूनाथ जी महाराज द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष में शिव महापुराण कथा द्वारा लोगों एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। अनेक जगह इनके शिव महापुराण कथा हुए हैं जहां लोगों ने अपार प्रेम सद्गुरूनाथ जी को दिया है। आज देश के प्रत्येक प्रांत के लोग सोशल मीडिया साईट हो या फिर धार्मिक चैनल सद्गुरूनाथ जी महाराज को अवश्य देखते एवं सुनते हैं। यही कारण है कि धार्मिक भावना से ओतप्रोत सद्गुरूनाथ जी महाराज अपने कथा के द्वारा लोगों के जीवन में आ रही समस्याओं के समाधान का उपाय जरूर बताते हैं।

 

शिव महापुराण कथा के दौरान सद्गुरूनाथ जी महाराज ने कहा कि संसार में मनुष्य शिव महापुराण की कथा के सत्संग में बैठ जाता है तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। जैसे पारिजात, कनेर, शमी, मंदार, धतुरा आदि पुष्प सब सस्ते हैं इनकी कीमत ज्यादा नहीं है किंतु जब यह पुष्प महादेव को अर्पित हो जाते हैं तो वह सभी अनमोल बन जाते हैं।