रक्षासूत्र फाउंडेशन ने किया साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन

अगर आपका साेशल साइट्स पर अकाउंट है ताे सबसे पहले आप अपना पासवर्ड बदल ले और अपने अकाउंट पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल कर ले। अब यह जान लीजिए कि साेशल साइट्स इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की जानकारी साइबर अपराधी के पास ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, फोटो के रूप में हाे सकती है।

रक्षासूत्र फाउंडेशन ने किया साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन
राजधानी जयपुर में मंगलवार को साइबर क्राइम जागरूकता उद्देश्य के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन जैन सुबोध स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा रक्षासूत्र फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय सभागार में आयोजित किया गया। जिसमें महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. केबी शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एडिशनल एसपी रानू शर्मा,  प्रधान दूदू रवि चौधरी, साइबर एक्सपर्ट फाउंडर मानस त्रिवेदी, रक्षासूत्र फाउण्डेशन को फाउंडर नीरज शर्मा  उपस्थित रहें। रानू शर्मा ने साइबर क्राइम सम्बन्धी विभिन्न उदाहरण देते हुए विशेष रूप से छात्राओं को सतर्क रहने की बात कही। रवि चौधरी जी ने फेसबुक इन्सटाग्राम का सावधानीपूर्वक  उपयोग करने पर बल दिया। मानस त्रिवेदी ने विस्तृत जानकारी देते हुए एटीएम व सोशल मीडिया के सही उपयोग  के प्रति विद्यार्थियों को जानकारी दी। 
मानस ने आगे बताया कि ऑनलाइन ठगी से बचने क्या करें। अगर आपका साेशल साइट्स पर अकाउंट है ताे सबसे पहले आप अपना पासवर्ड बदल ले और अपने अकाउंट पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल कर ले। अब यह जान लीजिए कि साेशल साइट्स इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की जानकारी साइबर अपराधी के पास ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, फोटो के रूप में हाे सकती है। ऐसे में इसका इस्तेमाल करके यूजर पर फिशिंग अटैक करने की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल यह वह जानकारी है जो किसी भी बंदे की पहचान का एक बड़ा जरिया है। इसके अलावा अजनबी के फोन पर पल भर भी भरोसा न करे। खासकर तब जब वह आपसे जुड़ी काेई जानकारी साझा कर रहा हाे या पूछ रहा हाे।  
उन्होंने कहा कि नियमित तौर पर अपनी प्राइवेसी सेटिंग को चेंज करें। अपनी पोस्ट को ओन्ली फोर फ्रेंड कर दें और अपने रजिस्टर मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को ओन्ली फॉर मी कर दे। साथ ही अपनी फ्रेंड लिस्ट को ओन्ली फॉर मी कर दें। एकाउंट का पासवर्ड हर महीने बदले और एकाउंट में मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दोनों को एकाउंट से कनेक्ट रखे। बीते कुछ दिनों से कई सारे केस आ रहे हैं जिसमें फेसबुक और व्हाट्सएप पर  वीडियो कॉल करके ब्लैक मेलिंग की जा रही है। आपके साथ में इस तरह का कुछ होता है तो सबसे पहले अपनी आईडी को डीएक्टिवेट करे, ओर जिस नंबर से वो ब्लैकमेल कर रहे है उन्हें ब्लॉक करे। उनके ब्लैकमेल करने डरे नहीं ओर  उन्हें पैसे  नहीं भेजे। जल्द ही नज़दीकी पुलिस थाने जा कर रिपोर्ट कराएं। 
कार्यक्रम में डीन ऐकेडमिक डॉ राजेश यादव, कार्यक्रम अधिकारी एन.एस.एस. डॉ पवन शर्मा, डॉ ऋचा सिंघल, डॉ राधाकिशन, लोकेश जैन उपस्थित रहे। अन्त में डॉ विशाल गौतम द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।