"जनता सेवार्थ प्रतिबद्धता" के आदर्श वाक्य को सिद्ध करता सुनील बिश्नोई

  आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में आपको बताने जा रहे है जिसने अपने कार्य से यह सिद्ध कर दिया  है कि यदि जनता की सेवा करने का जज़्बा हो तो पद, स्थान आदि गौण हो जाते है। जी हाँ। हम बात कर रहे है राजस्थान के गाँव खेड़े से पढ़ाई करके निकले योद्धा सुनील बिश्नोई के बारे में, आइए हम आपको उनके जीवन से परिचय करवाते है।वर्ष 2001 में उदयपुर जिले में पुलिस विभाग में भर्ती हुए। पुलिस में नौकरी करते हुए अधिकतर समय जिला पुलिस अधीक्षक उदयपुर के कार्यालय की विभिन्न शाखाओं में काम किया। जिनमें जिला विशेष शाखा, पासपोर्ट शाखा, क्राइम ब्रांच तथा साइबर क्राइम ब्रांच में प्रमुखता से काम किया। अपने काम के दौरान सदैव मेहनत और लगन से काम करने की वजह से उच्चाधिकारियों के चहेते बने रहे। इनके पिता स्वयं पुलिस अधिकारी की वजह से पुलिस की नौकरी को जज्बे के रूप में लिया और चुना।पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में काम करते हुए वर्ष 2006 में सुनील बिश्नोई का चयन ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट के लिए हुआ जिसमें पूरे राजस्थान के प्रत्येक रैंक के कुल करीब 25 पुलिसकर्मियों की टीम चयन होती है। सुनील बिश्नोई ऑल इंडिया के लिए चयन होने वाले उदयपुर जिले के प्रथम पुलिसकर्मी थे। जिसके लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने सम्मानित किया।वर्ष 2009 में फतेहसागर झील पर हरियाली अमावस्या के मेले के दौरान एक युवक फतेहसागर झील में डूब रहा था जिसको सुनील बिश्नोई ने अपनी जान की परवाह न करते हुए फतेहसागर झील में से निकाला और उसकी जान बचाई। वर्ष 2011 में उदयपुर शहर में 3 किलो सोने की लूट की बड़ी गंभीर और चर्चित वारदात हुई जिसका खुलासा सुनील बिश्नोई ने साइबर क्राइम ब्रांच में रहते हुए किया।उस खुलासे के बाद मुंबई के उन शातिर अपराधियों और गैंगस्टर को पकड़ने में टीम के साथ मुंबई जाकर सुनील बिश्नोई की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस घटना के बाद जिला उदयपुर में कोई भी बड़ा घट अपराध घटित होने पर सुनील बिश्नोई को उस अपराध के खुलासे तथा अनुसंधान के लिए बनाई जाने वाली टीमों में रखा जाने लगा तथा शहर के और भी कई बड़े अपराधों पर नियंत्रण लगाम और खुलासे में सुनील बिश्नोई की अहम भूमिका रही।वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में उदयपुर रेंज के सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के महत्वपूर्ण कार्य में सुनील बिश्नोई अधिकारियों के साथ रहे जिसकी वजह से उनको उदयपुर रेंज के महानिरीक्षक पुलिस ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। वर्ष 2014 में उदयपुर शहर के शातिर अपराधी शाकिर को लोडेड पिस्टल व ब्राउन शुगर के साथ बहादुरी से अपनी जान की परवाह न करते हुए पकड़ा जिसकी वजह से भी पुलिस अधीक्षक ने सम्मानित किया।थाना घंटाघर के एक मामले में एक नाबालिग लड़की के अपहरण में करीब 1 वर्ष से वांछित मुलजिम को इंटरनेट तथा साइबर क्राइम ब्रांच में रहते हुए हैदराबाद में ट्रेस किया तथा हैदराबाद जाकर पकड़ कर लेकर आए उदयपुर रेंज के महानिरीक्षक पुलिस ने सुनील बिश्नोई को सम्मानित किया। वर्ष 2014 में ही सुनील बिश्नोई की विभागीय स्तर पर पदोन्नति हुई जिसके बाद उनको शहर की सविना पुलिस चौकी में प्रभारी के रूप में नियुक्ति मिली।वहां भी करीब डेढ़ वर्ष तक मेहनत और लगन से कार्य करते हुए सुनील बिश्नोई ने अपने जिम्मे के काम को पूर्ण लगन और मेहनत से संपादित किया जिसकी वजह से कई बार तत्कालीन अधिकारियों ने प्रशंसा की और सम्मानित भी किया। सवीना चौकी में प्रभारी रहते हुए सबीना के जैन मंदिर से करीब ढाई सौ साल पुरानी आठ चांदी की मूर्तियां चोरी हुई जो सुनील बिश्नोई की टीम द्वारा अज्ञात बदमाशों को ट्रेस किया जा कर गंभीर वारदात का पर्दाफाश किया।करीब डेढ़ साल तक सविना पुलिस चौकी प्रभारी के रूप में काम करने के बाद सुनील बिश्नोई का पदस्थापन शहर के मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया की पुलिस चौकी प्रभारी के रूप में हुआ। मादडी पुलिस चौकी तथा प्रताप नगर पुलिस थाने पर काम करते हुए सुनील बिश्नोई ने कई मामलों का खुलासा किया तथा क्षेत्र व समाज में शांति व्यवस्था कायम रखने में विशेष योगदान दिया।तत्पश्चात सुनील बिश्नोई का पदस्थापन वर्ष 2020 मैं पुलिस थाना सविना पर हुआ। पुलिस थाना सविना पर पदस्थापन के दौरान सुनील बिश्नोई ने अपने अधिकारियों और अपनी टीम के साथ समन्वय रखते हुए कई बड़े मामलों में वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया तथा बड़े मामलों का खुलासा किया। जिनमें विशेष तौर पर इंटरनेशनल कॉलिंग करके एक हीरा व्यवसाई से फिरौती मांगने के मामले में अज्ञात मुलजिम को पश्चिम बंगाल से ट्रेस किया तथा पश्चिम बंगाल पहुंचकर उक्त अभियुक्त को गिरफ्तार करके लेकर आए जिसकी सभी अधिकारियों ने बहुत तारीफ की और सुनील बिश्नोई को सम्मानित भी किया। कई मामलों में फरार गैंगस्टर को हथियारों सहित तथा तस्करों को अवैध शराब व नशीले पदार्थों सहित गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।इसके बाद वह जीवन पलो का प्रारम्भ होता है जिसकी कल्पना भी अकल्पनीय थी। सुनील बिश्नोई ने अपनी टीम के राजकुमार जाखड़ के साथ मिलकर काम करते हुए आज के दौर में हो रही साइबर ठगी के मामलों में कार्य करना शुरू किया। साइबर ठगी के मामलों में वर्ष 2021 और 2022 मैं पुलिस थाना सवीना की टीम सुनील बिश्नोई और राजकुमार जाखड़ द्वारा साइबर ठगी में ठगे गए करीब 50 लाख रुपए लोगों को वापस रिफंड करवाए।साइबर क्राइम में काम करते हुए राजस्थान की सबसे बड़ी ठगी की राशि की रिकवरी भी सुनील बिश्नोई तथा राजकुमार जाखड़ की टीम द्वारा कराई गई। करीब 10 लाख की ठगी होने पर रात भर करीब 25 वेबसाइट खंगाली तथा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करते हुए पीड़ित को अपनी ठगी गई संपूर्ण राशि वापस रिफंड करवाई। साइबर ठगी में उदयपुर जिले में कोई भी घटना होने पर सुनील बिश्नोई तथा राजकुमार जाखड़ की टीम को कार्य दिया जाता है तथा उसका निस्तारण भी इस टीम द्वारा पूर्ण मेहनत से किया जाता है।इस प्रकार से राजस्थान के साइबर योद्धा के रूप में सुनील एक जाना - पहचाना नाम बन चुका है । आज आमज

"जनता सेवार्थ प्रतिबद्धता" के आदर्श वाक्य को सिद्ध करता सुनील बिश्नोई

 


 आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में आपको बताने जा रहे है जिसने अपने कार्य से यह सिद्ध कर दिया  है कि यदि जनता की सेवा करने का जज़्बा हो तो पद, स्थान आदि गौण हो जाते है। जी हाँ। हम बात कर रहे है राजस्थान के गाँव खेड़े से पढ़ाई करके निकले योद्धा सुनील बिश्नोई के बारे में, आइए हम आपको उनके जीवन से परिचय करवाते है।

वर्ष 2001 में उदयपुर जिले में पुलिस विभाग में भर्ती हुए। पुलिस में नौकरी करते हुए अधिकतर समय जिला पुलिस अधीक्षक उदयपुर के कार्यालय की विभिन्न शाखाओं में काम किया। जिनमें जिला विशेष शाखा, पासपोर्ट शाखा, क्राइम ब्रांच तथा साइबर क्राइम ब्रांच में प्रमुखता से काम किया। अपने काम के दौरान सदैव मेहनत और लगन से काम करने की वजह से उच्चाधिकारियों के चहेते बने रहे। इनके पिता स्वयं पुलिस अधिकारी की वजह से पुलिस की नौकरी को जज्बे के रूप में लिया और चुना।

पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में काम करते हुए वर्ष 2006 में सुनील बिश्नोई का चयन ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट के लिए हुआ जिसमें पूरे राजस्थान के प्रत्येक रैंक के कुल करीब 25 पुलिसकर्मियों की टीम चयन होती है। सुनील बिश्नोई ऑल इंडिया के लिए चयन होने वाले उदयपुर जिले के प्रथम पुलिसकर्मी थे। जिसके लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने सम्मानित किया।

वर्ष 2009 में फतेहसागर झील पर हरियाली अमावस्या के मेले के दौरान एक युवक फतेहसागर झील में डूब रहा था जिसको सुनील बिश्नोई ने अपनी जान की परवाह न करते हुए फतेहसागर झील में से निकाला और उसकी जान बचाई। वर्ष 2011 में उदयपुर शहर में 3 किलो सोने की लूट की बड़ी गंभीर और चर्चित वारदात हुई जिसका खुलासा सुनील बिश्नोई ने साइबर क्राइम ब्रांच में रहते हुए किया।

उस खुलासे के बाद मुंबई के उन शातिर अपराधियों और गैंगस्टर को पकड़ने में टीम के साथ मुंबई जाकर सुनील बिश्नोई की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस घटना के बाद जिला उदयपुर में कोई भी बड़ा घट अपराध घटित होने पर सुनील बिश्नोई को उस अपराध के खुलासे तथा अनुसंधान के लिए बनाई जाने वाली टीमों में रखा जाने लगा तथा शहर के और भी कई बड़े अपराधों पर नियंत्रण लगाम और खुलासे में सुनील बिश्नोई की अहम भूमिका रही।

वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में उदयपुर रेंज के सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के महत्वपूर्ण कार्य में सुनील बिश्नोई अधिकारियों के साथ रहे जिसकी वजह से उनको उदयपुर रेंज के महानिरीक्षक पुलिस ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। वर्ष 2014 में उदयपुर शहर के शातिर अपराधी शाकिर को लोडेड पिस्टल व ब्राउन शुगर के साथ बहादुरी से अपनी जान की परवाह न करते हुए पकड़ा जिसकी वजह से भी पुलिस अधीक्षक ने सम्मानित किया।

थाना घंटाघर के एक मामले में एक नाबालिग लड़की के अपहरण में करीब 1 वर्ष से वांछित मुलजिम को इंटरनेट तथा साइबर क्राइम ब्रांच में रहते हुए हैदराबाद में ट्रेस किया तथा हैदराबाद जाकर पकड़ कर लेकर आए उदयपुर रेंज के महानिरीक्षक पुलिस ने सुनील बिश्नोई को सम्मानित किया। वर्ष 2014 में ही सुनील बिश्नोई की विभागीय स्तर पर पदोन्नति हुई जिसके बाद उनको शहर की सविना पुलिस चौकी में प्रभारी के रूप में नियुक्ति मिली।

वहां भी करीब डेढ़ वर्ष तक मेहनत और लगन से कार्य करते हुए सुनील बिश्नोई ने अपने जिम्मे के काम को पूर्ण लगन और मेहनत से संपादित किया जिसकी वजह से कई बार तत्कालीन अधिकारियों ने प्रशंसा की और सम्मानित भी किया। सवीना चौकी में प्रभारी रहते हुए सबीना के जैन मंदिर से करीब ढाई सौ साल पुरानी आठ चांदी की मूर्तियां चोरी हुई जो सुनील बिश्नोई की टीम द्वारा अज्ञात बदमाशों को ट्रेस किया जा कर गंभीर वारदात का पर्दाफाश किया।

करीब डेढ़ साल तक सविना पुलिस चौकी प्रभारी के रूप में काम करने के बाद सुनील बिश्नोई का पदस्थापन शहर के मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया की पुलिस चौकी प्रभारी के रूप में हुआ। मादडी पुलिस चौकी तथा प्रताप नगर पुलिस थाने पर काम करते हुए सुनील बिश्नोई ने कई मामलों का खुलासा किया तथा क्षेत्र व समाज में शांति व्यवस्था कायम रखने में विशेष योगदान दिया।

तत्पश्चात सुनील बिश्नोई का पदस्थापन वर्ष 2020 मैं पुलिस थाना सविना पर हुआ। पुलिस थाना सविना पर पदस्थापन के दौरान सुनील बिश्नोई ने अपने अधिकारियों और अपनी टीम के साथ समन्वय रखते हुए कई बड़े मामलों में वांछित अपराधियों को गिरफ्तार किया तथा बड़े मामलों का खुलासा किया। जिनमें विशेष तौर पर इंटरनेशनल कॉलिंग करके एक हीरा व्यवसाई से फिरौती मांगने के मामले में अज्ञात मुलजिम को पश्चिम बंगाल से ट्रेस किया तथा पश्चिम बंगाल पहुंचकर उक्त अभियुक्त को गिरफ्तार करके लेकर आए जिसकी सभी अधिकारियों ने बहुत तारीफ की और सुनील बिश्नोई को सम्मानित भी किया। कई मामलों में फरार गैंगस्टर को हथियारों सहित तथा तस्करों को अवैध शराब व नशीले पदार्थों सहित गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

इसके बाद वह जीवन पलो का प्रारम्भ होता है जिसकी कल्पना भी अकल्पनीय थी। सुनील बिश्नोई ने अपनी टीम के राजकुमार जाखड़ के साथ मिलकर काम करते हुए आज के दौर में हो रही साइबर ठगी के मामलों में कार्य करना शुरू किया। साइबर ठगी के मामलों में वर्ष 2021 और 2022 मैं पुलिस थाना सवीना की टीम सुनील बिश्नोई और राजकुमार जाखड़ द्वारा साइबर ठगी में ठगे गए करीब 50 लाख रुपए लोगों को वापस रिफंड करवाए।

साइबर क्राइम में काम करते हुए राजस्थान की सबसे बड़ी ठगी की राशि की रिकवरी भी सुनील बिश्नोई तथा राजकुमार जाखड़ की टीम द्वारा कराई गई। करीब 10 लाख की ठगी होने पर रात भर करीब 25 वेबसाइट खंगाली तथा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करते हुए पीड़ित को अपनी ठगी गई संपूर्ण राशि वापस रिफंड करवाई। साइबर ठगी में उदयपुर जिले में कोई भी घटना होने पर सुनील बिश्नोई तथा राजकुमार जाखड़ की टीम को कार्य दिया जाता है तथा उसका निस्तारण भी इस टीम द्वारा पूर्ण मेहनत से किया जाता है।

इस प्रकार से राजस्थान के साइबर योद्धा के रूप में सुनील एक जाना - पहचाना नाम बन चुका है । आज आमजन के साथ किसी भी तरह का साइबर अपराध घटित हो जाता है तो वह सिर्फ साइबर दूत के रूप में सुनील के पास अधिकारपूर्वक पहुँच कर अपनी समस्या - अपराध के बारे में बताती है और सुनील बिश्नोई व राजकुमार झाखड़ अपनी सूझबूझ से साइबर अपराधों को रोक, जनता को शांति प्रदान करते है ।