ट्रेड इंडिया ने इस फादर्स डे के मौके पर लॉन्च किया अनूठा कैंपेन #हम हैं ना

‘यह सिर्फ एक कैंपेन नहीं हैं बल्कि हमारे ब्राण्ड के मूल्यों- भरोसे एवं अखंडता की पुष्टि करता है और इसीलिए हमने इसे नाम दिया है ‘#हम हैं ना’। यह फिल्म पिता और बेटी के बीच के भवनात्मक रिश्ते को दर्शाती है जहां बेटी अपने पिता की बेशकीमती सम्पत्ति- उनके कारोबार को वापस लाने में मदद कर रही है।

ट्रेड इंडिया ने इस फादर्स डे के मौके पर लॉन्च किया अनूठा कैंपेन #हम हैं ना

● हर व्यक्ति के जीवन में पिता के अथाह योगदान पर डालेगा रोशनी और युवाओं को प्रोत्साहित करेगा कि हमेशा अपने माता-पिता के साथ रहें
● इस कैंपेन  #हम हैं ना के माध्यम से ट्रेड इंडिया ने एमएसएमई एवं एसएमई को सहयोग प्रदान कर देश की अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की

नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े बी2बी मार्केटप्लेसेज़ में से एक ट्रेड इंडिया ने आज अपने फादर्स डे कैंपेन #हम हैं ना का लॉन्च किया। फादर्स डे ऐसा समय है जब हमारी सोच अपने पिता के साथ  अनूठे रिश्ते की ओर चली जाती है और हमें बचपन के उन खूबसूरत पलों की याद दिलाती हैं, जो हमने उनके साथ बिताएं हैं। यह दिन हमें अहसास कराता है कि समय आ गया है कि हम उनकी देखभाल करें और उनके खोए सपनों को पूरा करने की कोशिश करें।


कैंपेन दर्शकों के दिल को छू जाता है और बड़ी ही खूबसूरती के साथ एक बेटी और पिता के बीच के प्यार को दर्शाता है। यह कैंपेन आज के युवाओं की क्षमता पर रोशनी डालता है, जहां वे डिजिटल बदलाव के साथ विकास के एक नए रास्ते पर बढ़ जाते हैं। डिजिटल फिल्म #हम हैं ना को इंस्टाग्राम, फेसबुक और लिंक्डइन पर प्रसारित किया जाएगा।


‘यह सिर्फ एक कैंपेन नहीं हैं बल्कि हमारे ब्राण्ड के मूल्यों- भरोसे एवं अखंडता की पुष्टि करता है और इसीलिए हमने इसे नाम दिया है ‘#हम हैं ना’। यह फिल्म पिता और बेटी के बीच के भवनात्मक रिश्ते को दर्शाती है जहां बेटी अपने पिता की बेशकीमती सम्पत्ति- उनके कारोबार को वापस लाने में मदद कर रही है। फिल्म आज के युवाओं की क्षमता को दर्शाते हुए बताती है कि किस तरह वे अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी पर भरोसा करते हैं। हम हर व्यक्ति से आग्रह करते हैं कि कुछ समय निकाल कर अपने पिता के निःस्वार्थ स्नेह के लिए उन्हें धन्यवाद दें और उनके साथ रहें, जब उन्हें आपकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।’ श्री संदीप छेत्री, सीईओ, ट्रेड इंडिया ने कहा।

इमोशनल रूट के ज़रिए डिजिटल रूपान्तरण की क्षमता को दर्शाएगा यह कैंपेन

फिल्म में श्रेया और उनके पिता के बीच के भावनात्मक रिश्ते को दर्शाया गया है, जो अल्ज़ाइमर से पीड़ित हैं और उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता। श्रेया परिवार की इकलौती लड़की हैं, वे अपने बीमार पिता की देखभाल करती हैं। अक्सर वह देखती हैं कि उनके पिता अपने अतीत की कामयाबी की सोच में खो जाते हैं, सालों पहले जब वे बिज़नेसमैन हुआ करते थे।
एक दिन श्रेया अपने बचपन की यादों में खो जाती है, उन्हें अपने पिता की एक तस्वीर याद आती है, जिसमें वे गर्व के साथ बिज़नेसमैन के रूप में पोज़ दे रहे हैं। पुरानी यादें श्रेया को झकझोर देती हैं और वह ठान लेती है कि अपने पिता का कारोबार फिर से वापस लाएंगी। ब्राण्ड ने फिल्म के लिए जाने माने एक्टर्स नरेश गोसेन, युक्ति कपूर और शिबेश देबनाथ को चुना है, जो बखूबी दर्शकों को संदेश दे रहे हैं कि डिजिटल रूपान्तरण में युवाओं का भरोसा भारत के एसएमई एवं एमएसएमई सेगमेन्ट्स को सफलता की नई ऊँर्चायों पर ले जा रहा है।
इस मौके पर श्री अनूप दास, सीईओ, क्रिएटिव मड्स ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि दिल को छू जाने वाले फादर्स डे कैंपेन #हम हैं ना के साथ हमें 63 मिलियन एसएमई को डिजिटल रूप  से सक्षम बनाने के ट्रेड इंडिया के मिशन में शामिल होने का मौका मिला है। फिल्म की कहानी न सिर्फ बेटी और पिता के बीच   के भावनात्मक रिश्ते को दर्शाती है बल्कि इस बात पर भी ज़ोर देती है कि किस तरह युवा अपने माता-पिता के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।’    
#हम हैं ना कैंपेन के माध्यम से ब्राण्ड देश के युवाओं से अपील करता है कि अपने पिता के सपनों को साकार करने की कोशिश करें क्योंकि ये वही माता-पिता हैं जिन्होंने अपने परिवार के लिए जीवन भर अपनी इच्छाओं का बलिदान दिया है।